रांची। ईडी ने शुक्रवार को एक साथ झारखंड की खान सचिव व सीएम की नजदीकी पूजा सिंघल के 20 ठिकानो पर छापेमारी की है। पूजा सिंघल के रांची सहित बिहार के मुजफ्फपुर, खूंटी, जयपुर, फरीदाबाद, गुरूग्राम और कोलकाता व धनबाद सहित 20 ठिकानों पर छापा पड़ा है। बताया जाता है कि पूरा मामला मनरेगा घोटाले से जुड़ा है। छापेमारी में आईएएस के ठिकानो से 25 करोड़ रूपए सहित संपत्ति के कई दस्तावेज अब तक मिले है। वहीं खान सचिव के ससुर को भी हिरासत में लिए जाने की बात सामने आयी है। केंद्रीय एजेंसी की यह कार्रवाई राम विनोद सिन्हा से जुड़े मामले में हो रही है। राम विनोद खूंटी में जूनियर इंजिनियर थे, तब पूजा सिंघल खूंटी की डीसी थी। उस समय ही हाई कोर्ट ने आदेश दिया था कि ईडी मामले में काउंटर एफिडेविट फाइल करें।
ईडी के मुताबिक बरामद नकदी की गिनती के लिए मशीन मंगाई गई है। ये पैसे इनके चार्टर्ड एकाउंटेंट के यहां से मिली है। रांची में कांके रोड के चांदनी चौक स्थित पंचवटी रेजिडेंसी के ब्लाक नंबर नौ, लालपुर के हरिओम टावर स्थित नई बिल्डिंग, बरियातू के पल्स अस्पताल में छापेमारी चल रही है। पल्स हॉस्पिटल पूजा सिंघल के पति और व्यवसायी अभिषेक झा का है। आईएएस अधिकारी पूजा सिंघल के सरकारी आवास पर भी छापेमारी जारी है। छापेमारी के क्रम में किसी को भी अंदर जाने और बाहर आने नहीं दिया जा रहा है। दूसरी हो गोड्डा के भाजपा सांसद निशिकांत दुबे ने भी ट्वीट कर पूजा सिंघल के आवास से 17 करोड़ रुपये नगद मिलने की जानकारी दी है।
ईडी ने मनरेगा घोटाले के एक मामले में झारखंड हाई कोर्ट के आदेश पर पूरे मामले की जानकारी से संबंधित शपथ पत्र दायर की थी। ईडी ने शपथ पत्र के माध्यम से कोर्ट को बताया था कि झारखंड के खूंटी जिले में मनरेगा में 18.06 करोड़ रुपये के घोटाले के वक्त वहां की उपायुक्त पूजा सिंघल थीं। इस मामले में वहां के जूनियर इंजीनियर राम विनोद प्रसाद सिन्हा गिरफ्तार कर जेल भेजे गए थे, जिन्होंने ईडी को दिए अपने बयान में यह स्वीकार किया था कि कमीशन की राशि उपायुक्त कार्यालय तक पहुंचती थी। ईडी ने चतरा और पलामू के भी दोनों मामलों की चल रही जांच की जानकारी अपने शपथ पत्र के माध्यम से हाई कोर्ट को दी थी। शपथ पत्र में बताया था कि पूजा सिंघल चतरा जिले में अगस्त 2007 से जून 2008 तक उपायुक्त के पद पर तैनात थीं।
आरोप है कि उन्होंने दो एनजीओ को मनरेगा के तहत छह करोड़ रुपये का अग्रिम भुगतान किया था। इन दोनों एनजीओ में वेलफेयर पाइंट और प्रेरणा निकेतन शामिल है। यह राशि मूसली की खेती के लिए आवंटित की गई थी, जबकि इस तरह का कोई कार्य वहां नहीं हुआ था, जिसकी जांच अभी जारी है। इसके अलावा पलामू जिला में उपायुक्त रहते हुए पूजा सिंघल पर यह आरोप है कि उन्होंने करीब 83 एकड़ जंगल भूमि को निजी कंपनी को खनन के लिए ट्रांसफर किया था। यह कठौतिया कोल माइंस से जुड़ा मामला है। ईडी ने कोर्ट को बताया था कि इस मामले की भी जांच जारी है। साथ ही अवैध माइनिंग मामले में भी जांच की जा रही है।