रांची। निर्वाचन आयोग ने सीएम हेमंत सोरेन के छोटे भाई और दुमका विधायक वसंत सोरेन नोटिस भेजकर 12 मई तक जवाब देने का निर्देश दिया है। बसंत सोरेन पर माइंस कंपनी का पार्टनर होने का आरोप है। सीएम के साथ उनके विधायक भाई को नोटिस भेजे जाने पर भाजपा पूरे मामले में और आक्रमक हो गई है। आयोग ने बसंत सोरेन को यह नोटिस ग्रैंड माइनिंग कंपनी में पार्टनर होने की शिकायत पर नोटिस भेजे है। हलांकि झारखंड आयोग के मुख्य निर्वाचन पदाधिकारी के रवि कुमार ने इसकी पुष्टि नहीं की है। जबकि यह दावा किया जा रहा है कि दुमका विधायक को नोटिस भेज दिया गया है। भाजपा सांसद निशिकांत दूबे ने बसंत सोरेन को नोटिस भेजे जाने की जानकारी ट्वीट कर दी है। उन्होंने अपने ट्वीट में लिखा है, ‘एक नई सूचना दे रहा हूं। चुनाव आयोग ने झारखंड के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन के छोटे भाई व विधायक बसंत सोरेन की सदस्यता समाप्त करने का स्पष्टीकरण पूछा है। नोटिस की प्रतिलिपि झारखंड भाजपा को भी दी गई है।’
इधर, चुनाव आयोग द्वारा नोटिस भेजे जाने के बाद भाजपा इस पूरे मामले में लगातार आक्रामक रवैया अपनाए हुए है। विधायक दल के नेता और पूर्व सीएम बाबूलाल मरांडी, प्रदेश अध्यक्ष दीपक प्रकाश समेत अन्य नेता सरकार से इस्तीफा देने की मांग कर रहे हैं। मुख्यमंत्री की ओर से चुनाव आयोग को जवाब देने के लिए देश के जाने-माने वकीलों और विधि विशेषज्ञों से राय ली जा रही है। झामुमो के मुताबिक समय पर हेमंत सोरेन का जवाब दाखिल कर दिया जाएगा।
उल्लेखनीय है कि भाजपा नेताओं ने विधायक बसंत सोरेन को अयोग्य घोषित करने की मांग करते हुए राज्यपाल से शिकायत की थी। इसके बाद राज्यपाल ने इस मामले में अंतिम फैसले के लिए चुनाव आयोग को भेज दिया था। चुनाव आयोग ने बीते दिनों राज्य सरकार से माइनिंग लीज से जुड़े सभी दस्तावेज मांगे थे। इसपर राज्य सरकार ने बसंत सोरेन के माइनिंग लीज से संबंधित दस्तावेज की सर्टिफाइड कॉपी चुनाव आयोग को भेजी थी। अब आयोग ने बसंत सोरेन को नोटिस भेजा है।