रांची। आपातकाल की स्थिति में एक फोन पर पूरे राज्य में 520 गाड़ियां अलर्ट मोड पर हो जाएगी। इसमें पुलिस विभाग, अग्निशमन विभाग, स्वास्थ्य विभाग सहित अन्य आपातकालीन के लिए राज्य में तैनात होगी। झारखंड सरकार ने उत्तरप्रदेश की तर्ज पर आपातकालीन सहायता के लिए शीघ्र फैसला लेने वाली है। एक कॉल पर संबंधित गाडियां घटना स्थल के लिए रवाना हो जाएगी।
जानकारी अनुसार झारखंड सरकार ने यूपी के तर्ज पर राज्य स्तरीय आपातकालीन प्रतिक्रिया सहायता प्रणाली (ईआरएसएस) डायल 112 को सुदृढ करने पर विचार की है। इसे शहर से लेकर गांव गांव तक सुदृढ कर सिटीजन फ्रेंडली बनाया जाएगा। पुलिस विभाग ने गृह विभाग को इससे संबंधित प्रस्ताव दिया है। इसमें यूपी की व्यवस्था का हवाला दिया गया है। डायल 112 केंद्र सरकार की महत्वपूर्ण परियोजना है, जो पूरे देश में लागू है। इमरजेंसी की स्थिति में राज्य के नागरीय एवं ग्रामीण क्षेत्रो के नागरिको को उन्नत स्तर की पुलिस सेवाएं तत्काल मिले इसी उद्देश्य से इसे झारखंड मं भी लागू किया गया है।
इसके अंतर्गत पुलिस, अग्निशमन एवं चिकित्सा को समायोजित किया गया है। इस परियोजना के अंतर्गत इमरजेंसी की स्थिति में राज्य के किसी भी स्थान से टेलीफोन, एसएमएस, ईमेल, मोबाईल एप एवं अन्य संचार माध्यमो से रांची में स्थापित किए गए डायल 112 पर संपर्क करने वाले नागरिको को तत्काल पुलिस सहायता उपलब्ध कराया जाएगा।
इस परियोजना अंतर्गत राज्य के आम जन को तत्काल पुलिस सहायता पहुंचाने के उद्देश्य से पुरे राज्य में 320 चार पहिया वाहन व 200 दो पहिया वाहनो की व्यवस्था की गई है। अन्य राज्यो में राज्य स्तर पर मॉनिटरिंग व जिम्मेदार इकाई का गठन किया गया है। जैसे उत्तर प्रदेश में प्रदेश स्तरीय प्रबंधन प्रणाली का गठन शामिल है। जिसका नेतृत्व एडीजी रैंक के पदाधिकारी करते है। झारखंड में वर्तमान में ऐसी व्यवस्था नहीं है। पुलिस मुख्यालय ने जो प्रस्ताव दिया है उसके अनुसार राज्य में डीआईजी रैंक के अधिकारी को मॉनिटिंग की जिम्मेवारी दी जाएगी। उनके अधीन एक एएसपी, एक डीएसपी व अन्य अधिकारी होंगे। प्रबंधन प्रणाली का गठन होने से कितनी सूचनाएं आई, कितनी देर में सहायता दी गई, सूचनाओं पर कितनी जल्द पहल हुई इसकी मॉनिटरिंग की जाएगी। इससे डायल 112 की गुणवत्ता भी निखरेगी।