चतरा। टंडवा थाना क्षेत्र में एनटीपीसी के खिलाफ 14 माह से चल रहे विस्थापित विकास संघर्ष समिति का आंदोलन उग्र हो गया।मुख्य गेट के सामने सुरक्षा बलों व आंदोलनकारियों के बीच झड़प हो गयी। झड़प में आधा दर्जन ग्रामीणों व कुछ पुलिस कर्मियों के घायल होने की सूचना है। झड़प के बाद आंदोलनकारियों द्वारा पुलिस पर पथराव किया गया। पथराव के बाद पुलिस टीम ने अश्रुगैस छोड़े। जिससे माहौल तनावपूर्ण हो गया।
बताते चलें कि मुआवजा समेत तीन सूत्री मांगों को लेकर विगत स्थानीय भूरैयत 14 माह से विस्थापित विकास संघर्ष समिति के बैनर एनटीपीसी परियोजना का कार्य अनिश्चितकालीन बंद करा रखा था। स्थिति की गंभीरता को देखते हुए उपायुक्त चतरा के निर्देश पर सिमरिया के अनुमंडलाधिकारी सुधीर कुमार दास ने शांति व्यवस्था बनाए रखने को लेकर धारा 144 लगा रखी थी। सोमवार को कंपनी के गेट पर प्रदर्शनकारियों ने वाहनों के प्रवेश को रोक दिया। जिसके बाद एनटीपीसी प्रबंधन की ओर से इसकी सूचना पुलिस को दी गई। जिसके बाद वहां पहुॅची पुलिस ने प्रदर्शनकारियों को गेट से हटाने का प्रयास किया। जिसे लेकर आंदोलनकारी महिलाओं व सुरक्षाबलों के बीच अचानक बकझक हो गई। जिसपर स्थानीय पुलिस नें कुछ लोगों को हिरासत में लिया था। इसपर भूरैयत आक्रोशित हो उठे और सुरक्षा बलों पर पथराव कर दिया। भीड़ को नियंत्रित करने के लिए सुरक्षा बलों को हल्के बल प्रयोग के साथ आंसू गैस का गोला भी छोड़ना पड़ा।
आंदोलनकारियों को धरनास्थल से भगाने को लेकर पुलिस नें टेंट व शमयाने को जेसीबी से उखाड़ दिया। देर शाम आक्रोशित आंदोलनकारियों ने एनटीपीसी का काम कर रही सिम्प्लेक्स कंपनी में आगजनी करते हुए भारी तोड़फोड़ कर दिया तथा कार्य मे लगे एक हाइवा सहित आधा दर्जन वाहनों में आग लगा दी। इस दौरान कुछ कोल वाहनों में भी आग लगा दी गयी। आगजनी से टंडवा-राँची पथ जाम रहा। इस दरम्यान घटना का कवरेज कर रहे मीडिया कर्मियों को भी निशाना बनाया गया। घटना की पुष्टि करते हुए एसपी राकेश रंजन ने यहां बताया की सुरक्षा बलों के साथ भुरैयतों के साथ झड़प हुई है। कुछ पुलिस कर्मियों को भी चोटें आई हैं। स्थिति को पूरी तरह से नियंत्रण में कर लिया गया है।