रांची।झारखंड विधानसभा के बजट सत्र के चौथे दिन गुरुवार को भाजपा विधायकों ने पंचायत चुनाव में पिछड़ा वर्ग को आरक्षण देने की मांग को लेकर सदन में प्रदर्शन किया इससे सदन की कार्यवाही बाधित हो गई। इसको लेकर विधानसभा अध्यक्ष को सदन की कार्यवाही अपराह्न 12 बजे तक के लिए स्थगित करना पड़ा।
सदन की कार्रवाई शुरू होते ही भाजपा विधायक रामचंद्र चंद्रवंशी ने इस मुद्दे को उठाते हुए पिछड़ा वर्ग को आरक्षण देने की वकालत की। उन्होंने कहा कि आरक्षण को लेकर सरकार को सर्वेक्षण कराना चाहिए। इस संबंध में सुप्रीम कोर्ट का भी स्पष्ट आदेश आया है। संसदीय कार्य मंत्री आलमगीर आलम ने कहा कि पंचायत चुनाव में पिछड़ा वर्ग को आरक्षण के सवाल पर ध्यानाकर्षण सूचना के माध्यम से भी सवाल पूछा गया है। सदन में समय आने पर सरकार इसका जवाब देगी, इसलिए अभी विपक्षी सदस्यों को हंगामा करने की बजाय सदन की कार्रवाई को सुचारू रूप से चलाने में मदद करनी चाहिए।
इससे पहले मंत्री बन्ना गुप्ता ने सरकार का बचाव करते हुए कहा कि वह 27 प्रतिशत आरक्षण देने के पक्षधर रहे हैं। उन्होंने कहा कि झारखंड के प्रथम मुख्यमंत्री बाबूलाल मरांडी के नेतृत्व वाली तत्कालीन सरकार के कार्यकाल में ही पिछड़ा वर्ग के आरक्षण को 27 प्रतिशत से घटाकर 14 प्रतिशत किया गया था। इसलिए आज पिछड़ा वर्ग को 27 प्रतिशत आरक्षण की मांग करने वाले भाजपा विधायकों को पहले अपने नेता बाबूलाल मरांडी से सवाल पूछना चाहिए। विधानसभा अध्यक्ष ने वेल में आकर प्रदर्शन करने वाले भाजपा विधायकों से सीट पर जाकर बैठने का आग्रह किया। भाजपा विधायकों के हंगामे के बीच 2 सवालों पर सरकार की ओर से जवाब आया।