रांची। राज्य के ग्रामीण विकास मंत्री आलमगीर आलम ने बुधवार को नवनियुक्त 19 में से 17 लोकपालों को नियुक्ति पत्र दिया। दो लोकपालों को अनुपस्थिति के कारण नियुक्ति पत्र नहीं दिया जा सका। झारखंड मंत्रालय सभागार में आयोजित कार्यक्रम में लोकपालों को नियुक्ति पत्र के अलावा कोडरमा सहित 11 जिलों के डीडीसी को मनरेगा योजनाओं के बेहतर क्रियान्वयन को लेकर मंत्री ने प्रशस्ति पत्र देकर सम्मानित किया। सम्मानित होने वालों में कोडरमा के अलावा बोकारो, गोड्डा, खूंटी, लातेहार, देवघर , पलामू, सिमडेगा, गुमला, रांची और पाकुड़ जिले के डीडीसी हैं। वही बेहतर कार्य संपादन के लिए कोडरमा के अलावा केरसई, मुरहू, चाईबासा सदर प्रखंड के बीडीओ को भी प्रशस्ति पत्र दिया गया।
मौके पर मंत्री आलमगीर आलम ने नवनियुक्त लोकपालों से मनरेगा के कार्यो के निरीक्षण, सुनवाई और पारदर्शिता तरीके से समाधान की अपील की। उन्होंने कहा कि इसका मकसद योजना का आउटपुट मिले। मंत्री ने कहा कि मनरेगा कोविड काल में काफी प्रभावी रहा है। इसमें काम देने के अलावा लोगों की परिसंपत्ति का भी निर्माण करें। इसके तहत पशु शेड, हमेशा पानी बरकरार रखने वाले जल स्रोतों, पौधरोपण, सब्जी की खेती पर बल देने की जरूरत है।
ग्रामीण विकास सचिव डॉ. मनीष रंजन ने लोकपालो से उत्कृष्ट दायित्व निर्वहन में रोल मॉडल बनने की सलाह दी। योजना क्रियान्वयन की जिओ टैगिंग करने और फील्ड विजिट पर बल दिया। उन्होंने कहा कि मनरेगा योजनाओं में काम करने वाले मजदूरों को ससमय भुगतान करने के मामले में झारखंड को केंद्र ने पूरे देश में प्रथम स्थान दिया है। जबकि मनरेगा आयुक्त श्रीमती राजेश्वरी बी ने कहा कि लोकपालो की नियुक्ति से मनरेगा कार्यों में पारदर्शिता आएगी। उन्होंने कहा कि लोकपालों का दायित्व मनरेगा के तहत हितधारकों के प्रति जवाबदेह, पारदर्शी तंत्र तथा दक्षता में गुणात्मक सुधार करना है। लोकपाल न सिर्फ योजनाओं की मॉनिटरिंग करेंगे, बल्कि शिकायतों का तत्काल समाधान भी करेंगे। योजनाओं की कार्य प्रगति से अनवरत सरकार को अवगत कराएंगे।