रांची।झारखंड विधानसभा के शीतकालीन सत्र में मंगलवार को भीड़ हिंसा एवं भीड़ लिंचिंग निवारण विधेयक पारित हो गया। संसदीय कार्य मंत्री आलमगीर आलम ने विधेयक को सदन में रखा, जिस पर वोटिंग के बाद यह पास हो गया। वही विधेयक पर चर्चा के दौरान भाजपा विधायकों ने हंगामा कर सरकार पर तुष्टीकरण का आरोप लगाते हुए नारेबाजी लगाते सदन से बाहर निकल गए। इसके बाद विधानसभा अध्यक्ष रविंद्र नाथ महतो ने सदन की कार्यवाही बुधवार की सुबह 11 बजे तक के लिए स्थगित कर दिया।
इसके पूर्व भाजपा विधायकों ने जेपीएससी मुद्दे को लेकर जमकर हंगामा किया। नारा लगाते हुए बेल तक पहुंच गए। विरोध पर स्पीकर ने कहा कि सरकार की ओर से जेपीएससी मुद्दे पर सदन के नेता ने पक्ष रख दिया है। ऐसे में विरोध करना सही नहीं है। ध्यानाकर्षण की सूचना देते समय भाजपा विधायक मनीष जायसवाल ने सदन के अंदर प्रोसीडिंग पेपर फाड़ दिए। इस पर सत्तापक्ष ने कार्रवाई की मांग की और मनीष जायसवाल को सत्र के बाकी दिन की कार्रवाई से भाग लेने से निलंबित कर दिया गया। निलंबन के पश्चात भाजपा के अन्य विधायक भी प्रोसीडिंग फाड़ते हुए निलंबन वापस लेने के लिए नारेबाजी करने लगे। सदन से बाहर करने के दौरान मनीष जायसवाल और मार्शल के बीच नोकझोंक भी हुई। इसके बाद मॉब लिंचिंग रोकने का विधेयक पास किया गया।
उल्लेखनीय हो कि विधेयक के मसौदे में दोषी को आजीवन कारावास और 25 लाख रूपए तक के जुर्माना का प्रावधान है। दो या दो से अधिक व्यक्तियों के समूह द्वारा धर्म, वंश, जाति , नस्ल आदि के आधार पर उकसाने वाले को सजा मिल सकती है। इसके लिए सरकार एक मॉडल अधिकारी नियुक्त करेगी।
नोडल पदाधिकारी खुफिया इकाइयों के साथ माह में एक बार नियमित रूप से बैठक करेंगे। हर जिला के एसपी या एसएसपी समन्वयक होंगे। वह डीएसपी के माध्यम से हिसार रोकने के उपाय पर काम करेंगे। पीड़ित को निशुल्क उपचार और कानूनी सहायता दी जाएगी।
वहीं कांग्रेसी विधायक इरफान अंसारी ने कहा कि विधेयक में त्रुटियां है। मौत के बदले मौत होना चाहिए। आजीवन कारावास नहीं होना चाहिए। हालांकि विधेयक से लोग खुश हैं।
वहीं भाजपा विधायक भानु प्रताप शाही ने कहा कि भाजपा शासित 11 राज्यों में पेट्रोल डीजल पर वेट कम किया गया है। लेकिन झारखंड सरकार कम करने को तैयार नहीं है। सरकार एक तरफा कार्रवाई का रोना रो रही है और खुद महंगाई को बढ़ावा दे रही है। सरकार को झारखंड की तीन करोड़ जनता को जवाब देना चाहिए। उन्होंने कहा कि जेपीएससी मामले में मुख्यमंत्री का बयान निंदनीय है। बाहरी भीतरी की बात कर मामले को उलझाना चाहते हैं।