सहरसा। अपराधों के दुनियां के बेताज बादशाह और अंडरवर्ल्ड सरगना पप्पू देव की मौत कोसी क्षेत्र में चर्चा का विषय बन गया है। पप्पु देव की मौत् पर जहां एक ओर पुलिस की आरे से कहा गया है कि शनिवार शाम पप्पू देव अपने कुछ समर्थकों के साथ सहरसा के सदर थाना क्षेत्र अंतर्गत सराही में एक जमीन की जबरन घेराबंदी कराने पहुंचा था। इसी दौरान पुलिस को इसकी भनक लगी और पुलिस ने छापेमारी की और बाद में पप्पू देव को हिरासत में लिया गया। जहां देर रात उसे हर्ट अटैक आने के बाद अस्पताल में दाखिल कराया गया जहां डॉक्टरों ने उसे मृत घोषित कर दिया। पुलिस के अनुसार उसके पास से बड़ी संख्या में हथियार भी मिले हैं। वहीं पुलिस हिरासत में हुई मौत पर अब सवाल उठने लगे है। पप्पू के समर्थकों ने पुलिस पर बेरहमी से पप्पू देव की पिटाई करने व जिसकी वजह से मौत होने का आरोप लगा रहे है। सोशल मीडिया पर पप्पू की कुछ तस्वीरें भी वायरल हो रही हैं जिसमें उसके शरीर के कई हिस्सों पर चोट के निशान दिख रहे हैं। समर्थकों का कहना है ये निशान पुलिस हिरासत में पप्पू देव की हुई बेहरमी से पिटाई के हैं।
गौरतलब हो कि एसपी लिपि सिंह ने रविवार की सुबह एक विज्ञप्ति जारी कर पप्पू देव की मौत की घटना पर विस्तार पूर्वक जानकारी देते हुए बताया है कि गत 18 दिसंबर की शाम सदर थाना को सूचना प्राप्त हुई थी कि सदर थाना क्षेत्र अंतर्गत सराही में पप्पू देव और उसके कुछ समर्थक जबरदस्ती हरवे हथियार से लैस होकर अपने गुर्गों के साथ एक जमीन की घेराबंदी करवाने का प्रयास कर रहे है तथा वहां पर काफी लोग हरवे हथियार के साथ मौजूद हैं। सूचना पर सदर थाना द्वारा छापामारी की गई तो वहां से 3 लोगों को गिरफ्तार किया गया। बाकी लोग स्कॉर्पियो गाड़ी पर सवार होकर भाग निकले थे। छापामारी के दौरान पुलिस को एक पिस्टल, कट्टा तथा 13 राउंड गोलियां मिली। पप्पू देव के समर्थकों को हिरासत में लिया गया।
वहीं भागे अपराधियों का पीछा करते हुए पुलिस बिहरा थाना क्षेत्र अंतर्गत पप्पू देव के घर पहुंची तथा वहां भी छापामारी की गई। वहां से भी दो लोगों को हिरासत में लिया गया तथा पप्पू देव के बारे में पूछताछ की गई। छानबीन के क्रम में पुलिस को सूचना मिली कि पप्पू देव एक चिमनी भट्ठा के बगल में उमेश ठाकुर के मकान में सोया हुआ है। पुलिस द्वारा वहां छापामारी की गई तो पप्पू देव और उसके समर्थकों द्वारा पुलिस पर गोलियां चलाई गई। जवाबी कार्रवाई में पुलिस द्वारा भी आत्म रक्षार्थ फायरिंग की गई। पुलिस से घिरा हुआ देखकर पप्पू देव अपना राइफल लेकर भागने की कोशिश करते हुए दीवार से छलांग लगा दी। जहां से पुलिस बल द्वारा उसे उठा कर लाया गया। पुलिस द्वारा हिरासत में लिए जाने के बाद उसने छाती में दर्द होने की शिकायत की तो उसे देर रात 2 बजे के करीब सदर अस्पताल के आईसीयू में भर्ती कराया गया।प्राथमिक उपचार के बाद चिकित्सकों ने बेहतर इलाज के लिए दूसरे संस्थान में ले जाने की बात कहते हुए रेफर कर दिया गया।
पुलिस द्वारा तत्काल एंबुलेंस की व्यवस्था की गई तथा उसे दरभंगा मेडिकल कॉलेज अस्पताल या पटना मेडिकल कॉलेज अस्पताल ले जाने की तैयारियां शुरू की गई। इसी दौरान 4:00 बजे सुबह चिकित्सकों ने उसे मृत घोषित कर दिया। पुलिस द्वारा की गई कार्रवाई में एक ऑटोमेटिक राइफल, तीन पिस्टल, तीन कट्टा तथा 47 चक्र गोलियां तथा कई खोखा बरामद की गई है।
सदर अस्पताल में चिकित्सकों द्वारा पप्पू देव को मृत घोषित किए जाने के बाद आवश्यक प्रक्रिया का पालन कर पोस्टमार्टम कराने की तैयारी की जा रही है। पुलिस अधीक्षक के निर्देश पर मेडिकल बोर्ड का गठन कर वीडियोग्राफी के साथ पोस्टमार्टम की व्यवस्था की गई है। शव का पोस्टमार्टम मेडिकल बोर्ड द्वारा किया जाएगा तथा पोस्टमार्टम की पूरी प्रक्रिया की वीडियोग्राफी भी कराई जाएगी।
दूसरी ओर पप्पू देव कुछ तस्वीरें सोशल मीडिया पर वायरल हुई हैं। मृतक के शरीर पर जांघ, पैर, हाथ आदि पर निशान दिख रहे हैं। समर्थक इसे पुलिस की पिटाई से उभरे निशान बता रहे हैं। समर्थक इसे पुलिस द्वारा सुनियोजित तरीके से पप्पू देव की गई हत्या बता रहे है। निशान को लाठी डंडों से हुई पिटाई से उभरा निशान कहा जा रहा है। पप्पू की मौत की खबर सुनते ही रविवार सुबह से ही अस्पताल के बाहर बड़ी संख्या में उनके समर्थकों की भीड़ उमड़ पड़ी। मौत को लेकर लोग तरह तरह के कयास लगा रहे हैं। अधिकांश लोग इसे पुलिसिया जुल्म बता रहे हैं और मामले की उच्च स्तरीय जाँच कराने की मांग की जा रही है।
पप्पू देव सन 1990 के दशक से ही सहरसा और सीमांचल के कई जिलों में आंतक का दूसरा नाम रहा है। उस पर पड़ोसी देश नेपाल में भी अपहरण की घटनाओं को अंजाम देने का आरोप लगा था। कुछ वर्ष पूर्व हुई गिरफ्तारी के बाद फ़िलहाल वह जमानत पर बाहर था। अपराध से राजनीति की दुनिया तक पप्पू देव ने हाथ आजमाए थे। हालाँकि वह विधायक नहीं बना लेकिन अपने समर्थकों के बीच विधायक जी के नाम से मशहूर था। उस पर कोसी के इलाके में 150 से ज्यादा हत्या, रंगदारी, अपहरण आदि के आरोप में मामले दर्ज थे। पूर्व सांसद आनंद मोहन और पप्पू यादव से भी पप्पू देव के छतीस के रिश्ते कहे जाते हैं। 2000 के दशक में नेपाल के बड़े व्मुयवसायी तुलसी अग्रवाल और मुफ्फरपुर में सब रजिस्ट्रार सुरदेव नारायण सिंह के अपहरण के मामले में पप्पू देव काफी चर्चित रहा था। वहीं 2003 में 50 लाख रुपए के जाली नोट के साथ उसे नेपाल में गिरफ्तार किया गया था।