पटना। नशा मुक्ति दिवस पर मुख्यमंत्री नीतिश कुमार ने शुक्रवार को शराबबंदी का संकल्प दोहराते हुए कहा कि महिलाओं की मांग पर राज्य में पूर्ण शराबबंदी की गई और यह हर हाल में लागू रहेगी। कुमार ने कहा कि वर्ष 2016 में नशामुक्ति दिवस के अवसर पर सर्वदलीय सहमति पर शराब बंदी का फैसला किया गया है। इसकी शुरूआत आंशिक रूप से शहरी क्षेत्रो में हुई थी। लेकिन राज्य की महिलाओं ने फैसले का विरोध कर बिहार में पूरी तरह शराब को बंद करने की मांग की थी।
सीएम नीतीश कुमार ने ज्ञान भवन में शराबबंदी को लेकर दिलाई जा रही शपथ में कहा कि शराब की वकालत करने वाले लोग संयम से रहें नीतीश कुमार ने ऐसे लोगों को कड़ी फटकार लगाई है। पटना के ज्ञान भवन में आयोजित शपथ ग्रहण के मुख्य समारोह में उन्होंने मौजूद लोगों समेत सभी सरकारी कार्यालयों के अधिकारियों-कर्मियों को शपथ दिलाई। नशा मुक्ति दिवस पर कार्यक्रम का आयोजन मद्य निषेध एवं उत्पाद विभाग द्वारा किया गया था। मुख्यमंत्री नीतीश कुमार नशामुक्ति दिवस पर प्रचार वाहन को हरी झंडी दिखाकर रवाना किया।
नीतिश ने अधिकारियों को सख्त अंदाज में कहा कि पटना में शराब पर कंट्रोल करे, पूरा बिहार नियंत्रण में होगा। मुख्यमंत्री ने साफ किया कि सूचना मिलने पर हर जगह जांच की जाएगी। होटलो में भी जांच होगी, भले वहां शादी की पार्टी क्यों न हो। विपक्ष पर निशाना साधते हुए नीतिश कुमार ने कहा कि इंसान स्वयं से गड़बड़ी करते है। कुछ लोग केवल गड़बड़ी करने में लगे रहते है। जो आज शराबबंदी पर सवाल उठा रहे है, उस वक्त वे सरकार के साथ थे। सभी राजनीतिक दलो ने इसका समर्थन किया था।
मुख्यमंत्री ने कहा कि अगर अधिकारी भी गड़बड़ी करेंगे तो उन्हें भी बर्दाश्त नहीं किया जाएगा। सबसे ज्यादा पटना में गड़बड़ होता है। कानून का उल्लंधन करने वालो को पहले पटना में पकड़िए तो इसका मैसेज सीधा जाएगा। आंकड़ो का उल्लेख करते हुए कहा कि देश में 27 फीसदी लोग शराब का सेवन करते है। झगड़े फसाद में 18 फीसदी शराबियों की भूमिका है। 17 फीसदी लोग शराब पीकर आत्महत्या करते है।