कोडरमा । कोडरमा-हजारीबाग रेल परियोजना में भूमि अधिग्रहण में रैयतों के 8.80 करोड़ रुपए गबन करने के आरोपी भूअर्जन कार्यालय के निलंबित लिपिक नवलेश शर्मा को कोडरमा पुलिस ने शुक्रवार को गिरफ्तार कर जेल भेज दिया। उल्लेखनीय की इस मामले में पूर्व में एसीबी की टीम ने भी वर्ष 2016 में भ्रष्टाचार के आरोप में लिपिक को गिरफ्तार किया था। उस पर गलत तरीके से रैयतों के मुआवजा राशि से 8 करोड़ 80 लाख रुपए कमीशन के तौर पर वसूलने का आरोप है।
कोडरमा थाना प्रभारी राम नारायण ठाकुर ने बताया कि वर्ष 2016 में कोडरमा- हजारीबाग रेल लाइन के लिए अधिग्रहित भूमि के मुआवजा राशि में करोड़ों रुपए कमीशन के रूप में वसूलने को लेकर 10 रैयतों ने कोर्ट में परिवाद पत्र दायर किया था। रैयतों ने आरोप लगाया है कि मुआवजा राशि के भुगतान को लेकर लिपिक नवलेश शर्मा सहित अन्य ने उनसे ₹8. 80 करोड़ की राशि कमीशन के तौर पर वसूले हैं। रैयतों का आरोप है कि लिपिक ने अपने घर में बुलाकर बैंक में खाता खुलवाया और निकासी फॉर्म सहित अन्य कागजातों पर दस्तखत ले लिए। इसके बाद उनके खाते से राशि निकाल ली।
थाना प्रभारी ने बताया कि लिपिक इस मामले में काफी समय से फरार चल रहा था। उसके विरुद्ध थाने में जमीन की हेराफेरी सहित कुछ अन्य कांड भी दर्ज है। वही एसीबी के द्वारा की गई कार्रवाई के बाद से लिपिक को निलंबित कर दिया गया था। मालूम हो कि यह मामला वर्ष 2016 में सुर्खियों में रहा था। कमीशन खोरी में तत्कालीन पदाधिकारी शारदानंद देव को भी एसीबी ने लिपिक के साथ गिरफ्तार किया था।