देवघर।
प्रसिद्ध बाबा मंदिर को अब तक श्रद्धालुओं के लिए बंद रखने के विरोध में सोमवार को देवघर बंद रखा गया। इसको लेकर पुलिस ने कड़ी सुरक्षा व्यवस्था की। देवघर बंद का आह्वान पंडा धर्म रक्षिणी सभा ने की है।
एसडीपीओ ने बताया कि सुरक्षा को लेकर 22 स्थलों पर मजिस्ट्रेट और सुरक्षाकर्मियों को तैनात किया गया है। बाबा मंदिर के आसपास के इलाकों में सुरक्षा की कड़ी व्यवस्था की गई है। वही मंदिर से जुड़े तीर्थ पुरोहितों ने कहा कि देवघर की अर्थव्यवस्था पूरी तरह से बाबा मंदिर पर आधारित है। बाबा मंदिर बंद रहने से हजारों लोगों के समक्ष रोजी-रोटी की समस्या खड़ी हो गई है। ऐसी स्थिति में बाबा मंदिर को आम लोगों के लिए खोलने की मांग को लेकर आर-पार की लड़ाई के मूड में है।
मालूम हो की कोरोना की दूसरी लहर के बाद करीब चार महीने से बाबा मंदिर आम लोगों के लिए बंद है। अब जबकि कोरोना संक्रमण के मामलों में कमी आई है, तो लोग बाबा मंदिर आम लोगों के लिए खोलने की मांग कर रहे हैं।
धार्मिक स्थलों के बंद रहने से आहत हो रही है भावनाएं- रघुवर दास
पूर्व मुख्यमंत्री और भाजपा के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष रघुवर दास ने सोमवार को कहा कि झारखंड में धार्मिक स्थलों को छोड़कर सभी चीजें खुल गई है। यह समझ से परे है। इससे धार्मिक भावनाएं आहत हो रही है। हेमंत सरकार के तानाशाही रवैए के कारण राज्य के कृष्ण भक्तों को भी मायूस होना पड़ा है।
रघुवर दास ने कहा कि बंदी के कारण धार्मिक स्थलों से जुड़े लोग बेरोजगारी के शिकार हो गए हैं। देश के दूसरे शहरों में बड़े मंदिर खोल दिए गए हैं। मथुरा वृंदावन ,द्वारिका में जन्माष्टमी धूमधाम से मनाई जा रही है। बैधनाथ मंदिर को खोलने के लिए पुजारी और दुकानदार आंदोलन कर रहे हैं। पर हेमंत सरकार संवेदनहीन बनी हुई है। उन्होंने कोविड-19 प्रोटोकोल का पालन करते हुए धार्मिक स्थलों को खोलने की मांग करते हुए कहा कि त्योहारों का माहौल शुरू हो गया है। लेकिन तुष्टीकरण से पीड़ित सरकार इस दिशा में कोई कदम नहीं उठा रही है।