भभुआ( कैमूर )।
प्राचीनतम शक्तिपीठों में शुमार कैमूर जिले के पंवरा पहाड़ी स्थित मां मुंडेश्वरी का दरबार 138 दिन बाद गुरुवार को श्रद्धालुओं के लिए खोल दिया गया है। इसके साथ ही श्रद्धालुओं का आना शुरू हो गया है। हालांकि जिला प्रशासन सहित स्वास्थ्य विभाग व धार्मिक न्यास बोर्ड ने कोरोना गाइडलाइन का अनुपालन कर पूजा अर्चना की अपील की है।
धार्मिक न्यास बोर्ड के सचिव अशोक सिंह ने बताया कि श्रद्धालुओं की सुविधा के लिए मंदिर खुलने से पहले पूरे परिसर की साफ-सफाई, पेयजल व प्रकाश की समुचित प्रबंध किया गया है। उन्होंने बताया कि कोरोना संक्रमण को लेकर मंदिर का दरबार 10 अप्रैल से बंद था। मालूम हो कि लगभग साढ़े चार माह तक मंदिर बंद रहने से श्रद्धालु निराश थे। आसपास में व्यवसायी गतिविधियां ठप थी। दुकानदारों का रोजगार बंद हो गया था। अब मंदिर का दरबार खोले जाने पर यहां पुनः व्यापार शुरू होने की संभावना है। उल्लेखनीय हो कि यूं तो यहां सालों भर श्रद्धालु आते हैं। पर शारदीय व चेत्र नवरात्र में यहां मेला लगता है ,जिसमें देश के विभिन्न हिस्सों से लाखों श्रद्धालु पहुंचते हैं।
मान्यता है कि मां सबकी मुरादें पूरी करती है। मां का वैष्णवी स्वरूप जगत पालक का है। बताया जाता है कि यहां बली प्रक्रिया अनूठी है , जिसमें हिंसा का कोई स्थान नहीं है। श्रद्धालु बलि के लिए बकरे को मां के सामने लाते हैं। पुजारी के अक्षत डालते ही बकरा बेहोश हो जाता है। फिर दूसरे बार रक्षा करो के मंत्र से पुजारी जैसे ही अक्षत छिड़कते हैं, बकरा फिर खड़ा हो जाता है। पुरातत्व विशेषज्ञों के अनुसार मंदिर परिसर से मिला शिलालेख 349 से 636 के बीच के हैं। मंदिर का वास्तुशिल्प व मूर्तियां उत्तर गुप्त कालीन लगती है।शिलालेख के अनुसार मंदिर महाराजा उदय सिंह के शासन काल में निर्मित है। मंदिर के मध्य में स्थित काले रंग का पंचमुखी शिवलिंग अत्यंत प्रभावकारी व अद्वितीय है।