भागलपुर।
भागलपुर हवाई अड्डा का मैदान एक बस्ती के रूप में तब्दील हो गई है। 1 दर्जन से अधिक गांवों के करीब चार हजार बार पीड़ितों का यह बसेरा बन चुका है जहां सुबह होते ही जिंदगी की जद्दोजहद शुरू हो जाती है। यहां बाढ़ पीड़ितों के लिए टेंट , भोजन, पेयजल एवं मेडिकल कैंप की सुविधा भी है पर यह व्यवस्था पीड़ितों के लिए नाकाफी साबित हो रही है। बाढ़ पीड़ित उमाशंकर ने बताया कि यहां पशु चारा पॉलीथिन सीट आदि वितरण में भेदभाव हो रहा है। पानी और शौचालय की व्यवस्था दयनीय है। पानी के दो चार टैंकर आते हैं जिसका उपयोग भोजन बनाने में हो जाता है। अभी तक खुले में ही सोच जाना पड़ रहा है। वही प्रकाश मंडल का कहना है कि बच्चों के लिए दूध का कोई इंतजाम नहीं है। जिसके पास दुधारू पशु नहीं है उनके बच्चों को दूध नहीं मिल रही है। जबकि सोहन मंडल और देवेंद्र मंडल ने बताया कि क्षेत्र के मुखिया दो-दो पॉलिथीन देते हैं। पर कई लोगों को पॉलिथीन नहीं मिला है।