लातेहार। सदर थाना क्षेत्र के डांटम गांव निवासी टोक नारायण सिंह (60) की हत्या मामले का उद्भेदन करते हुए पुलिस ने 9 अपराधियों को गिरफ्तार किया है। अपराधियों ने टोक नारायण सिंह (60) की हत्या ओझा गुनी के संदेह में कर दी थी और सबूत छुपाने का प्रयास करते हुए शव को जंगल में ले जाकर जला दिया था। गिरफ्तार आरोपियों में लातेहार डॉटम निवासी मुकेश कुमार सिंह, वीरेंद्र कुमार सिंह, रामकुमार सिंह ,हेम नारायण सिंह, अनिल भुइयां, रांची मांडर निवासी नितेश कुमार यादव, सुनील उरांव ,शशि गोप तथा बालूमाथ रजवार निवासी दिलीप कुमार सिंह के नाम शामिल है।
शुक्रवार को प्रेस कॉन्फ्रेंस करते हुए लातेहार एसडीपीओ संतोष कुमार मिश्रा ने बताया कि कुछ दिन पूर्व टोक नारायण सिंह घर से लापता हो गए थे। इस संबंध में मृतक के परिजनों ने लातेहार थाना गुमशुदगी का एक मामला दर्ज कराया था। मामले की छानबीन के क्रम में पता चला कि गांव के मुकेश सिंह और वीरेंद्र सिंह अक्सर टोक नारायण सिंह से ओझा गुनी को लेकर झगड़ा करते थे। पुलिस ने संदेह के आधार पर दोनों संदिग्धों को हिरासत में लेकर पूछताछ किया।
पूछताछ के क्रम में दोनों ने स्वीकार किया कि उन लोगों ने ही कुछ अन्य लोगों के सहयोग से टोक नारायण सिंह की हत्या की है। अपराधियों ने पुलिस को बताया कि गत 26 फरवरी को जब टोक नारायण बगल के गांव से अपने घर लौट रहे थे तो पूर्व नियोजित योजना के तहत उसे पकड़ कर नदी किनारे ले गए और चाकू तथा पत्थर से मारकर उसकी हत्या कर दी। उसके बाद शव को वही बालू में दफन कर दिया। घटना के दो दिन बाद शव को बालू से निकालकर एक वाहन से दूर जंगल में ले जाकर जला दिया। अपराधियों ने पुलिस को बताया कि टोक नारायण सिंह ओझा गुनी का काम करता था तथा हमेशा तंत्र मंत्र से उन्हें परेशान करता था। इसीलिए कुछ अन्य लोगों के सहयोग से उसकी हत्या करने की योजना बनाए थे। इधर, पुलिस ने हिरासत में लिए गए आरोपियों के निशानदेही पर घटना में संलिप्त अन्य सभी अपराधियों को गिरफ्तार कर शुक्रवार को जेल भेज दिया। घटना में इस्तेमाल की गई मोटरसाइकिल, टाटा मैजिक, खून लगा पत्थर, खून लगी मिट्टी और आराेपितों के कपड़े बरामद कर लिए गए हैं। एसडीपीओ संतोष कुमार मिश्र ने ग्रामीणों से अपील किया है कि तंत्र मंत्र और ओझा गुनी जैसे अंधविश्वास के चक्कर में ना पड़े। यह पूरी तरह अंधविश्वास है।
उल्लेखनीय है कि कुछ दिन पहले मुकेश कुमार सिंह के भाई की सड़क दुर्घटना में मौत हो गई थी। मुकेश कुमार सिंह को लगा कि टोकनारायण सिंह ने ओझा गुनी के जरिए भाई को मार दिया है। दिलीप कुमार सिंह को अपने सास की हत्या का शक था। इसके बाद इन दोनों ने टोकनारायण सिंह को हत्या करने की योजना बनाई।