गिरिडीह। प्रवासी मजदूरों के हित में कार्य करने वाले समाजसेवी सिकंदर अली ने भारत सरकार और झारखंड सरकार के नाम संदेश भेजकर मलेशिया में फंसे झारखंड के 30 मजदूरों के वतन वापसी का आग्रह किया है। झारखंड के गिरिडीह, बोकारो और हजारीबाग जिले के रहने वाले मजदूरों ने वतन वापसी की गुहार लगाई है। मजदूरों का आरोप है कि कंपनी की ओर से 4 महीने से वेतन नहीं मिलने के कारण वे लोग दाने-दाने के लिए मोहताज है।उल्लेखनीय हो कि पूर्व में भी पश्चिमी अफ्रीका के माली में 33 मजदूरों के फंसे होने के मामले सामने आए थे।
बताया जाता है कि 30 जनवरी 2019 को बोकारो जिले के गोमियां प्रखंड के तिसकोपी निवासी बासुदेव महतो और चैन्नई के एजेंट शिवम द्वारा तीन साल के एग्रीमेंट पर सभी मजदूरों को लीडमास्टर इंजीनियरिंग एंड कंस्ट्रक्शन एसडीएन बीएचडी में मलेशिया की राजधानी कुआलालम्पुर भेज दिया गया। अब तीन साल का एग्रीमेंट वीजा की अवधि भी समाप्त हो गयी हैं। सभी मजदूरों का वीजा भी खत्म हो गया। सभी मजदूरों ने बकाया राशि दिलाकर वापसी की गुहार लगायी हैं।
सिकंदर अली ने बताया कि गरीब तबके के लोग दलालों के चक्कर में पड़ कर विदेशों में फंस जाते हैं। पूर्व में भी कई मामले सामने आए हैं। दलाल ज्यादा रुपया कमाने का लोभ देकर गरीबों को विदेश भेजते हैं।।मलेशिया में फंसे मजदूरों में हजारीबाग जिले के जगलाल महतो, गोविंद महतो, चेत लाल महतो, भुनेश्वर महतो, मनोज महतो ,लीलो महतो, सुरेश महतो ,गिरधारी महतो ,प्रकाश कुमार महतो, तिलेश्वर महतो, प्रदीप कुमार महतो ,बोकारो जिले के रोहित माथुर, प्रेम लाल महतो, दशरथ महतो, केसु महतो, बासुदेव महतो, विश्वनाथ महतो, पुनीत महतो, प्रेमचंद महतो, तूकामन महतो, दुलारचंद महतो, भुनेश्वर कुमार, झरी कुमार व गिरिडीह जिले के विनोद कुमार महतो, बासुदेव महतो, रामेश्वर महतो, बुद्धन महतो ,बुध देव प्रसाद, देव आनंद महतो, विनोद महतो के नाम शामिल है।