झारखंड विधानसभा चुनाव के रुझानों ने सभी को चौंका दिया है। चुनाव आयोग के मुताबिक, झारखंड मुक्ति मोर्चा (JMM) 30 सीटों पर बढ़त बनाए हुए है, जबकि बीजेपी 26 सीटों पर आगे है और कांग्रेस तीसरे स्थान पर 14 सीटों पर चल रही है। सभी सीटों पर कांटे की टक्कर है, और अब सबकी नजरें चुनाव परिणाम पर टिकी हैं। हालांकि, इस बार झामुमो की वापसी के कई मजबूत कारण भी नजर आ रहे हैं, जिनके बारे में हम आपको विस्तार से बताने जा रहे हैं।
हेमंत सोरेन की मजबूत वापसी के 3 कारण
1. हैट्रिक के मूड में हेमंत सोरेन! हेमंत सोरेन, जो 2019 में बरहेट विधानसभा सीट से 25,740 वोटों से जीतकर मुख्यमंत्री बने थे, इस बार भी अपनी सीट बरहेट से आगे चल रहे हैं। उन्हें 8000 से ज्यादा वोटों से बढ़त मिली है। इसके अलावा, उनके जेल जाने के बाद की राजनीतिक घटनाएं भी उनके लिए फायदेमंद साबित हुई हैं। कथित ज़मीन घोटाले के मामले में 5 महीने की जेल के बाद उन्हें कोर्ट से जमानत मिली, और इसने उनकी छवि को और भी मजबूत किया, खासकर आदिवासी समाज में।
2. बीजेपी का सीएम चेहरा न घोषित करना बीजेपी ने इस चुनाव में सीएम के चेहरे का ऐलान नहीं किया, जिसका फायदा झामुमो को हुआ है। इसका सीधा मतलब है कि बीजेपी के पास कोई ऐसा चेहरा नहीं था, जो हेमंत सोरेन के सामने खड़ा हो सके। इससे जनता में यह संदेश गया कि बीजेपी में नेतृत्व की कमी है, जिससे झामुमो को फायदा हुआ है।
3. बीजेपी के पास लोकल मुद्दों की कमी, JMM को फायदा भले ही बीजेपी के बड़े नेता चुनाव प्रचार में जुटे थे और पीएम मोदी ने भी रैलियां की थीं, लेकिन बीजेपी चुनावी मुद्दों से जनता का दिल नहीं जीत पाई। इसके विपरीत, JMM ने राज्य में महिलाएं और किसानों के लिए कई योजनाओं की घोषणा की। मंईयां योजना, जिसमें राज्य की महिलाओं को हर महीने 1000 रुपये देने की योजना थी, को 2500 रुपये कर दिया गया। यह योजना विशेष रूप से महिलाओं के बीच लोकप्रिय हुई और उनकी मतदान प्रतिशत में वृद्धि हुई, जो चुनावी नतीजों में दिख रही है।
चुनाव से पहले की घोषणाएं और उनका असर
सरकार ने 200 यूनिट तक फ्री बिजली देने की योजना की शुरुआत की, जिससे ग्रामीण इलाकों में इसे भरपूर समर्थन मिला। इसके अलावा, किसानों के लिए लोन माफी योजना की घोषणा ने भी एक बड़ा असर डाला। सरकार ने किसानों को 2 लाख रुपये तक के कृषि लोन माफ करने का एलान किया, जो ग्रामीण वोटर्स को आकर्षित करने में सफल रहा।
पिछले चुनाव में क्या हुआ था?
2019 के विधानसभा चुनाव में JMM को 81 में से 30 सीटें मिली थीं, जबकि बीजेपी 25 सीटों पर सिमट गई थी। कांग्रेस को 16 सीटें मिलीं और राजद ने एक सीट पर जीत दर्ज की। तीनों पार्टियों ने मिलकर गठबंधन किया और हेमंत सोरेन को मुख्यमंत्री बनाया था। सरकार बनाने के लिए 41 सीटों की जरूरत थी, जो गठबंधन ने हासिल की। अब, चुनावी रुझान से यह साफ हो रहा है कि इस बार भी JMM की वापसी हो सकती है।